Axiom Mission 4 और जानीये शुभांशु शुक्ला के बारे में…!
🚀 Axiom Mission 4 और जानीये शुभांशु शुक्ला के बारे में…!
Axiom Mission 4 (Ax‑4) एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंचता है । इस मिशन में:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट, ISS जाने वाले पहले भारतीय मिशन पायलट हैं।
मिशन अन्य क्रू में शामिल हैं: मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), मिशन स्पेशलिस्ट स्लॉवोस् उज़्नान्स्की (पोलैंड) और तिबोर कपूर (हंगरी) ।
🛰️ आईए देखते हैं लॉन्च की टाइमलाइन
शुरुआती प्रयास मई के अंत में थे, लेकिन वह जून तक कई बार देरी में रहे – मौसम की समस्या और तकनीकी कारणों से ।
अंततः यह मिशन 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे (IST) फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX Falcon 9 रॉकेट पर शुरू हुआ।
यह 28 घंटे की यात्रा की बाद 26 जून की शाम लगभग 4:30 बजे (IST) ISS से डॉक हुआ।
🧪 आईए जानते हैं मिशन के उद्देश्य
इस मिशन की प्रमुख विशेषताएं:
लगभग 60 वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियाँ, 31 देशों द्वारा सहयोग—स्वास्थ्य, कृषि, बायोटेक्नोलॉजी, इंसुलिन और डायबिटीज रिसर्च शामिल है,
माइक्रोग्रैविटी में तारडिग्रेड्स (Water bears)
माइक्रोएल्गी और सैलेड सीड्स की वृद्धि
कंप्यूटर इंटरैक्शन और स्क्रीन उपयोग पर प्रभाव
🇮🇳 आईए जानते हैं भारत के लिए यह क्यों अहम है?
41 साल बाद भारत का इंसान ISS पर पहुँचा, आखिरी बार राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन पर जाते समय अंतरिक्ष यात्रा की थी, यह भारत के लिए बहुत जरूरी था, ऐसे ऐसे ही हमें आगे भी देखने को मिलेगा।
इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी, और शुभांशु को देश का गौरव बताते हुए कहा, “1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदें उनके साथ हैं, इसी तरह मुस्कुराते हुए उन्हें खूब बधाई दी।
यह मिशन ISRO के Gaganyaan प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण कदम भी है—जैसे कि इससे मानव अंतरिक्ष अभियान का अनुभव प्राप्त होगा ।
🌟 आईए जानते हैं शुभांशु शुक्ला का प्रोफ़ाइल।
शुभांशु शुक्ला का जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ मैं हुआ था, और उनकी शिक्षा की बात की जाए तो, City Montessori School → NDA (2005) → M.Tech Aerospace (IISc) से कंप्लीट किया था, वह पढ़ाई में बहुत तेज थे।
इसी तरह उन्होंने IAF कैरियर: 2006 में कमीशन, 2000+ उड़ान घंटे; MiG‑21, Su‑30MKI सहित कई विमानों पर प्रशिक्षण किया था।
और उन्होंने अंतरिक्ष प्रशिक्षण: रूस के Gagarin सेंटर, NASA, ESA, JAXA जैसी एजेंसियों द्वारा उन्नत प्रशिक्षण किया था।
आईए देखते हैं अब आगे की योजना क्या है?
ISS पर दो सप्ताह तक प्रयोगों और आउटरीच प्रोग्राम में संलग्न रहेंगे।
मिशन की सफलता पर वैज्ञानिक समुदाय और भारतीय युवाओं में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है।
इससे Gaganyaan मिशन में सीधे लाभ होगा—लॉकडाउन जीवन सभी पहलुओं में मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए तैयार कर रहा है।
यदि आप इन प्रयोगों, मिशन के वित्तीय पहलू, या भविष्य की योजनाओं जैसे Gaganyaan या चंद्र मिशन पर विस्तार से जानना चाहें, मुझे बताइए—खुशी होगी और जानकारी साझा करने में!
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